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यह नव वर्ष निराला हो शुभ नव वर्ष निराला हो

यह नव वर्ष निराला हो शुभ नव वर्ष निराला हो । राजा हों या रंक सभी घर खुशियों का नव प्याला हो ॥ शिक्षा की गुणवत्ता जागे राष्ट्र प्रेम हो, सत्ता जागे शाखा तना फलों के संग - संग फूल औ पत्ता - पत्ता जागे बुरी नजर वालों का 'कंचन' सदा - सदा मुंह काला हो । यह नव वर्ष निराला हो शुभ नव वर्ष निराला हो ॥ मंहगाई की मार न झेले रिश्वतखोरी वार न झेले वाढ और भूकम्प सरीखा सूखे का अंगार न झेले राष्ट्र द्रोह की भाषा बकनेवालों के मुंह ताला हो । यह नव वर्ष निराला हो शुभ नव वर्ष निराला हो ॥ घर - घर में खुशहाली हो बगिया में हरियाली हो ज्वार बाजरा गेंहू अरहर सरसों गेंहू बाली हो आतंकी गतिविधियाँ भागे रिपु के उर में भाला हो । यह नव वर्ष निराला हो शुभ नव वर्ष निराला हो ॥

आँखों का अंजन हो जाता

आँखों का अंजन हो जाता कालिख भी बनकर यदि उनके आँखों का अंजन हो जाता। जनम - जनम से प्यास लगी है मन में ये अभिलाष जगी है छूकर उनके पारस कर को लौह रूप कंचन हो जाता । कालिख भी बन कर यदि उनके आँखों का अंजन हो जाता॥ स्वप्न कभी ऐसा कुछ देखा हाय विधाता का यह लेखा टूट - टूट कर ये शीशा दिल यदि उनका दर्पण हो जाता । कालिख भी बन कर यदि उनके आँखों का अंजन हो जाता॥ कई जनम से भाव हिया के हो जाती यदि पास पिया के स्वप्नों में भी यदि क्षणभर को मेरा तन अर्पण हों जाता । कालिख भी बन कर यदि उनके आँखों का अंजन हो जाता ॥ आंसू ही गंगाजल होता चरणों को मल-मलकर धोता किसी जनम में मिल जाते वे मेरे भी तर्पण हो जाते । कालिख भी बन कर यदि उनके आँखों का अंजन हो जाता ॥खों का अंजन हो जाता। जनम - जनम से प्यास लगी है मन में ये अभिलाष जगी है छूकर उनके पारस कर को लौह रूप कंचन हो जाता । कालिख भी बन कर यदि उनके आँखों का अंजन हो जाता॥ स्वप्न कभी ऐसा कुछ देखा हाय विधाता का यह लेखा टूट - टूट कर ये शीशा दिल यदि उनका दर्पण हो जाता । कालिख भी बन कर यदि उनके आँखों का अंजन हो जाता॥ कई जनम से भाव हिया के हो जाती यदि पास पिया के स्वप्नों म...