लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप - जून 10, 2017 उलट गई संवेदना ,पलट गया व्यवहार। मात पिता लगने लगे ,अब बासी अखबार।। राजा वेश्या अग्नि यम ,बच्चा याचक चोर। पर पीड़ा जाने नहीं ,नहीं आंख की लोर।। सत्ता पाने के लिए, सब पागल बेचैन। मिर्चा को गुड़ बोलते ,दिन को कहते रैन।। लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
अन्तर्द्वन्द्व न साेने देता / डॉ. उमाशंकर चतुर्वेदी 'कंचन' - मई 25, 2024 किताब को खरीदने की लिये यहाँ पर ऑर्डर करें - मो0- 9415256054 ईमेल करें sanskritiprakashan1@gmail.com Read more »
कैसे अच्छे दिन आयेंगे/ डॉ. उमाशंकर चतुर्वेदी 'कंचन' - मई 16, 2024 किताब को खरीदने की लिये यहाँ पर ऑर्डर करें - मो0- 9415256054 ईमेल करें sanskritiprakashan1@gmail.com Read more »
गंगा / डॉ. उमाशंकर चतुर्वेदी 'कंचन' - अप्रैल 22, 2024 किताब को खरीदने की लिये यहाँ पर ऑर्डर करें - मो0- 9415256054 ईमेल करें sanskritiprakashan1@gmail.com Read more »
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें